RERA में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

RERA में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज

1. RERA क्या है और इसकी महत्ता

RERA (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) भारत सरकार द्वारा 2016 में लागू किया गया एक महत्वपूर्ण कानून है, जिसका मुख्य उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करना है। भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र लंबे समय से अनियमितता, बिल्डरों की मनमानी और घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी जैसी समस्याओं से जूझ रहा था। ऐसे में RERA कानून ने आम नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए एक मजबूत मंच प्रदान किया है। यह प्राधिकरण सभी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स का पंजीकरण अनिवार्य करता है, जिससे ग्राहकों को समय पर उनका मकान या संपत्ति मिल सके। साथ ही, अगर कोई खरीदार या निवेशक अपने साथ अन्याय महसूस करता है, तो वह RERA में शिकायत दर्ज कर सकता है। इससे न केवल उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ा है, बल्कि बिल्डरों की जवाबदेही भी सुनिश्चित हुई है। कुल मिलाकर, RERA ने भारत में रियल एस्टेट लेन-देन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया है।

2. शिकायत दर्ज करने के पात्र व्यक्ति

RERA (Real Estate Regulatory Authority) में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है ताकि हर संबंधित पक्ष अपनी समस्या या चिंता को सामने रख सके। RERA के तहत निम्नलिखित व्यक्ति शिकायत दर्ज करने के पात्र माने जाते हैं:

पात्र व्यक्ति विवरण
खरीदार (Buyer) वे व्यक्ति जिन्होंने किसी प्रोजेक्ट में फ्लैट, प्लॉट या घर खरीदा है और उन्हें परियोजना में देरी, गुणवत्ता में कमी, वादाखिलाफी या अन्य किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
बिल्डर/प्रमोटर (Builder/Promoter) अगर बिल्डर को किसी एजेंट, खरीददार या अन्य प्रमोटर द्वारा अनुचित व्यवहार या धोखाधड़ी का अनुभव होता है तो वे भी RERA के तहत शिकायत कर सकते हैं।
एजेंट (Agent) रियल एस्टेट एजेंट जिनका नाम RERA में पंजीकृत है, वे अपने साथ हुए अनुचित व्यवहार या व्यावसायिक विवादों के लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

इनके अलावा, RERA कानून के अनुसार कोई भी अन्य व्यक्ति, जिसे परियोजना से संबंधित अधिकार या हित हो, वह भी उपयुक्त प्रमाणों के साथ शिकायत दर्ज कर सकता है। शिकायतकर्ता को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी समस्या सीधे तौर पर रियल एस्टेट परियोजना या उसमें शामिल पक्षों से जुड़ी होनी चाहिए। इस प्रकार RERA सभी संबंधित पक्षों को न्याय और पारदर्शिता प्रदान करने के उद्देश्य से कार्य करता है।

RERA में शिकायत दर्ज करने की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया

3. RERA में शिकायत दर्ज करने की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया

यदि आपको बिल्डर या प्रमोटर के खिलाफ कोई शिकायत करनी है, तो RERA पोर्टल पर आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यहाँ हम आपको दोनों तरीकों को विस्तार से समझा रहे हैं, ताकि आपको प्रॉसेस समझने में कोई दिक्कत न हो।

ऑनलाइन माध्यम से शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

1. RERA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं

सबसे पहले अपने राज्य के RERA पोर्टल (जैसे कि MahaRERA, UP RERA आदि) की वेबसाइट खोलें। वहाँ Complaint Registration या File Complaint का विकल्प चुनें।

2. रजिस्ट्रेशन और लॉगिन करें

अगर आप पहली बार शिकायत कर रहे हैं तो आपको पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। आवश्यक जानकारी जैसे नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आदि भरें और लॉगिन करें।

3. शिकायत फॉर्म भरें

अब Complaint Form में मांगी गई डिटेल्स भरें—जैसे कि प्रोजेक्ट का नाम, बिल्डर/प्रमोटर की जानकारी, समस्या का विवरण इत्यादि। सभी जरूरी दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड करें।

4. फीस का भुगतान करें

शिकायत दर्ज करने के लिए निर्धारित शुल्क (जो राज्य के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है) ऑनलाइन मोड जैसे नेट बैंकिंग/डेबिट कार्ड आदि से जमा करें।

5. सबमिट और ट्रैकिंग

सभी जानकारी सही भरने के बाद फॉर्म सबमिट करें। आपको एक रेफरेंस नंबर मिलेगा, जिससे आप अपनी शिकायत की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।

ऑफलाइन माध्यम से शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

1. फॉर्म डाउनलोड और प्रिंट करें

अपने राज्य के RERA पोर्टल से Complaint Form डाउनलोड करके उसका प्रिंटआउट लें।

2. फॉर्म भरें और दस्तावेज़ संलग्न करें

फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारियां अच्छे से भरें और जरूरी दस्तावेज़ जैसे एग्रीमेंट कॉपी, रसीद, पहचान पत्र आदि साथ में लगाएं।

3. कार्यालय में जमा करें

पूरा फॉर्म व दस्तावेज़ लेकर अपने राज्य के संबंधित RERA कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से जाकर जमा करें। वहां निर्धारित फीस चालान या डिमांड ड्राफ्ट द्वारा भी दी जा सकती है।

नोट:

ऑनलाइन माध्यम तेज़ और पारदर्शी है, लेकिन जिनको इंटरनेट का ज्यादा अनुभव नहीं है वे ऑफलाइन माध्यम भी चुन सकते हैं। हर राज्य के नियम थोड़ा अलग हो सकते हैं, इसलिए अपने राज्य की RERA वेबसाइट जरूर चेक करें।

4. शिकायत के लिए आवश्यक दस्तावेज

जब आप RERA के तहत शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं, तो सही दस्तावेज़ जमा करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इससे आपकी शिकायत पर तेजी से कार्यवाही हो सकती है और आपका मामला मजबूत बनता है। नीचे हमने जरूरी दस्तावेजों की पूरी लिस्ट और कुछ बजट-फ्रेंडली टिप्स दिए हैं:

आवश्यक दस्तावेजों की सूची

क्रमांक दस्तावेज का नाम टिप्पणी
1 शिकायतकर्ता का पहचान पत्र (आधार कार्ड/पैन कार्ड) पहचान सत्यापन हेतु अनिवार्य
2 प्रॉपर्टी संबंधित दस्तावेज (अलॉटमेंट लेटर/एग्रीमेंट टू सेल) सम्बंधित प्रोजेक्ट से जुड़ा प्रमाण
3 पेमेंट रसीदें और बैंक स्टेटमेंट्स भुगतान के प्रमाण हेतु
4 प्रमोटर/बिल्डर के साथ पत्राचार (ईमेल, नोटिस आदि) संचार का रिकॉर्ड रखें
5 RERA पंजीकरण संख्या संबंधित प्रोजेक्ट की ऑनलाइन पोर्टल से प्राप्त करें
6 अन्य सहायक दस्तावेज (यदि कोई हो) जैसे कोर्ट ऑर्डर, एफआईआर आदि

बजट-फ्रेंडली सुझाव और स्थानीय टिप्स

  • डॉक्युमेंट्स को स्कैन कर डिजिटल कॉपी भी तैयार रखें, जिससे ऑनलाइन अपलोड में आसानी हो। कई राज्य पोर्टल PDF फॉर्मेट में डॉक्युमेंट मांगते हैं।
  • अगर ओरिजिनल डॉक्युमेंट उपलब्ध नहीं है तो उसकी कॉपी और स्व-प्रमाणित (self-attested) फॉर्मेट स्वीकार्य होती है।
  • सभी डॉक्युमेंट्स की एक हार्ड कॉपी फाइल बना लें, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत प्रस्तुत कर सकें। यह कम खर्चीला और सुविधाजनक तरीका है।

महत्वपूर्ण स्थानीय जानकारी:

हर राज्य में RERA पोर्टल अलग-अलग हो सकता है, इसलिए अपने राज्य के RERA पोर्टल पर जाकर आवश्यक दस्तावेजों की सूची अवश्य जांच लें। यदि कोई दस्तावेज़ स्थानीय भाषा में चाहिए, तो उसका अनुवाद करवाना न भूलें। इससे शिकायत प्रक्रिया आसान हो जाती है।

सारांश:

ऊपर बताए गए डॉक्युमेंट्स और टिप्स को ध्यान में रखकर आप आसानी से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सही तैयारी से समय और धन दोनों की बचत होगी, जिससे न्याय जल्दी मिलेगा।

5. शिकायत दर्ज करने के बाद क्या होता है

जब आप RERA पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कर देते हैं, तो उसकी प्रक्रिया एक निश्चित प्रणाली के तहत आगे बढ़ती है। सबसे पहले, संबंधित RERA प्राधिकरण आपकी शिकायत की प्रारंभिक जांच करता है। यह जाँच इस बात की होती है कि प्रस्तुत दस्तावेज़ और जानकारी पर्याप्त हैं या नहीं। अगर कोई कमी पाई जाती है, तो आपको आवश्यक दस्तावेज़ या विवरण देने के लिए सूचित किया जा सकता है।

जांच पूरी होने के बाद, सुनवाई का चरण शुरू होता है। इसमें दोनों पक्षों—शिकायतकर्ता और उत्तरदाता (जैसे बिल्डर या डिवेलपर)—को सुनवाई के लिए बुलाया जाता है। आमतौर पर सुनवाई की तारीख और समय आपको ईमेल या एसएमएस के माध्यम से सूचित कर दिया जाता है। यहाँ आपके पास अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर होता है।

सुनवाई के दौरान प्रस्तुत सबूतों और दलीलों को ध्यान में रखते हुए, RERA प्राधिकरण मामला निष्पक्षता से सुनता है। यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त गवाही या दस्तावेज़ भी माँगे जा सकते हैं। सुनवाई पूरी होने के बाद, प्राधिकरण शिकायत का समाधान निकालने के लिए आदेश जारी करता है। यह आदेश कानून और उपलब्ध तथ्यों के आधार पर पारित किया जाता है।

यदि आपके पक्ष में निर्णय आता है, तो RERA प्राधिकरण बिल्डर या संबंधित पक्ष को आदेश का पालन करने के लिए निश्चित समय सीमा देता है। आदेश न मानने की स्थिति में आगे की कानूनी कार्यवाही की जा सकती है, जिसमें जुर्माना या अन्य दंडात्मक कार्रवाई शामिल हो सकती है। इस प्रकार, RERA में शिकायत दर्ज करने के बाद एक व्यवस्थित एवं पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाती है जिससे उपभोक्ताओं को न्याय मिल सके।

6. सुझाव और आम नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण बातें

शिकायत दर्ज करते समय ध्यान रखने योग्य मुख्य बातें

RERA में शिकायत दर्ज करना एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें कुछ सावधानियों का पालन करना आवश्यक है। सबसे पहले, अपनी शिकायत से संबंधित सभी दस्तावेज़ अच्छी तरह से तैयार रखें और उनकी प्रतियाँ सुरक्षित रखें। अपनी शिकायत को स्पष्ट, सटीक और तथ्यों के आधार पर लिखें, जिससे अधिकारियों को मामले की गंभीरता समझने में आसानी हो।

आम गलतियाँ जो अक्सर होती हैं

  • अपूर्ण या अस्पष्ट जानकारी देना
  • जरूरी दस्तावेज़ संलग्न न करना
  • समय सीमा का ध्यान न रखना
  • अनुचित भाषा या भावनात्मक आरोप लगाना

इन गलतियों से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी शिकायत अस्वीकार भी हो सकती है या उसकी सुनवाई में देरी हो सकती है।

बचाव के उपाय और सुझाव

  • सभी दस्तावेज़ व्यवस्थित तरीके से स्कैन करके अपलोड करें
  • शिकायत की प्रति व रसीद संभालकर रखें
  • सम्पूर्ण और सही जानकारी दें; कोई तथ्य छिपाएँ नहीं
  • प्रोफेशनल भाषा का उपयोग करें और तथ्यात्मक रहें
  • अगर संभव हो तो किसी कानूनी सलाहकार की सहायता लें

स्थानीय संस्कृति के अनुरूप व्यवहार

भारत में प्रॉपर्टी विवादों के समाधान हेतु RERA एक मजबूत मंच है। स्थानीय भाषा (जैसे हिंदी, मराठी, कन्नड़ आदि) में शिकायत दर्ज करने का विकल्प चुनें ताकि संवाद आसान रहे। अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और किसी भी तरह की धोखाधड़ी या अनुचित व्यवहार की सूचना तुरंत RERA को दें। याद रखें, आपकी सतर्कता और सही प्रक्रिया अपनाना ही आपके हितों की रक्षा करेगा।