RERA एक्ट क्या है: नियम, दायरा और आपके अधिकार

RERA एक्ट क्या है: नियम, दायरा और आपके अधिकार

1. RERA एक्ट का परिचय

भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और खरीदारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए 2016 में एक महत्वपूर्ण कानून लाया गया, जिसे रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट) एक्ट, यानी RERA (Real Estate Regulatory Authority) कहा जाता है। यह एक्ट 1 मई 2017 से पूरे भारत में लागू हुआ।

RERA एक्ट क्या है?

RERA एक केंद्रीय कानून है, जिसका उद्देश्य रियल एस्टेट परियोजनाओं की पंजीकरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना, बिल्डर्स और डेवलपर्स द्वारा ग्राहकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को रोकना, और खरीदारों के हितों की रक्षा करना है। इसका सीधा असर उन सभी लोगों पर पड़ता है, जो घर खरीदने या निवेश करने की सोच रहे हैं।

RERA एक्ट की शुरुआत क्यों हुई?

कई सालों से भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में बिल्डर्स द्वारा ग्राहकों के साथ वादाखिलाफी, डिलेवरी में देरी और कीमतों में हेरफेर जैसी समस्याएँ सामने आ रही थीं। इन समस्याओं को दूर करने, ग्राहक का विश्वास बढ़ाने और रियल एस्टेट क्षेत्र में अनुशासन लाने के लिए RERA एक्ट बनाया गया।

RERA एक्ट का मकसद
मकसद विवरण
पारदर्शिता लाना प्रोजेक्ट्स की पूरी जानकारी पोर्टल पर देना अनिवार्य करना
ग्राहकों की सुरक्षा खरीदारों के अधिकारों की रक्षा और उनके पैसे की सुरक्षा करना
नियमितीकरण रियल एस्टेट सेक्टर में नियम-कायदे लागू करना
विवाद समाधान बिल्डर और खरीदार के बीच विवाद का जल्दी निपटारा करना
विश्वास बढ़ाना खरीदारों का सेक्टर पर भरोसा मजबूत बनाना

RERA एक्ट ने न केवल ग्राहकों को मजबूत किया, बल्कि बिल्डरों के लिए भी एक व्यवस्थित प्रक्रिया बनाई जिससे वे अपने प्रोजेक्ट्स को सही ढंग से पूरा कर सकें। इस एक्ट ने भारतीय रियल एस्टेट मार्केट में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं।

2. मुख्य नियम और प्रावधान

प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन (Project Registration)

RERA एक्ट के तहत, किसी भी नए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले डेवेलपर या प्रमोटर को राज्य के RERA प्राधिकरण में प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी विज्ञापन, बुकिंग या बिक्री नहीं की जा सकती। यह कदम खरीदारों की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।

रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज़

दस्तावेज़ का नाम महत्व
भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र प्रमोटर के पास भूमि का वैध स्वामित्व होना चाहिए
प्रोजेक्ट प्लान एवं नक्शा स्थानीय नगर निगम से स्वीकृत योजना
वित्तीय विवरण प्रोजेक्ट की लागत और फंडिंग की जानकारी
प्रमोटर की जानकारी कंपनी/व्यक्ति का नाम, पता, कानूनी स्थिति आदि
अन्य अनुमतियाँ निर्माण की सभी कानूनी अनुमतियाँ और क्लियरेंस

प्रमोटर की जिम्मेदारियां (Promoter’s Responsibilities)

RERA एक्ट प्रमोटर्स पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां डालता है, जिससे खरीदारों को धोखाधड़ी से बचाया जा सके। प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल हैं:

  • प्रोजेक्ट की पूरी और सही जानकारी वेबसाइट पर देना
  • निर्धारित समयसीमा में प्रोजेक्ट पूरा करना और पजेशन देना
  • खरीदार से ली गई राशि का 70% भाग एक अलग बैंक खाते में रखना, जिसे केवल निर्माण कार्य और भूमि लागत में ही उपयोग किया जा सकता है
  • अगर निर्माण में देरी हो तो खरीदार को ब्याज देना या धन वापसी करना
  • पजेशन देने के बाद पांच साल तक किसी भी संरचनात्मक दोष की जिम्मेदारी लेना

पारदर्शिता के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (Documents for Transparency)

RERA एक्ट के तहत पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ सार्वजनिक रूप से वेबसाइट पर उपलब्ध कराने होते हैं:

  • प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन नंबर और स्वीकृत नक्शा
  • निर्माण कार्य की स्थिति और रिपोर्ट्स
  • फ्लैट्स या यूनिट्स की संख्या एवं बिक्री की स्थिति
  • कानूनी विवाद या कोर्ट केस से संबंधित जानकारी
  • वार्षिक ऑडिटेड रिपोर्ट्स और फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स
उदाहरण तालिका: प्रमोटर द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली जानकारी
जानकारी का प्रकार विवरण/उपलब्धता
प्रोजेक्ट स्टेटस अपडेट्स हर तीन महीने में नई रिपोर्ट अपलोड करना अनिवार्य है
फ्लैट बुकिंग डिटेल्स कुल बुक किए गए फ्लैट्स और उपलब्ध यूनिट्स की जानकारी देना जरूरी है
कानूनी अनुमति/क्लियरेंस डॉक्यूमेंट्स सभी मंजूरी पत्र वेबसाइट पर अपलोड करने होते हैं
प्लान लेआउट व स्ट्रक्चर डिजाइन स्वीकृत लेआउट व डिजाइन सार्वजनिक करनी होती है
फाइनेंशियल रिपोर्ट्स वार्षिक ऑडिटेड रिपोर्ट सार्वजनिक करनी होती है

आवेदन की प्रक्रिया और दायरा

3. आवेदन की प्रक्रिया और दायरा

कौन-कौन इस एक्ट के अंतर्गत आते हैं?

RERA एक्ट के अंतर्गत मुख्य रूप से रियल एस्टेट डेवलपर्स, बिल्डर्स, एजेंट्स और घर/फ्लैट खरीदने वाले लोग आते हैं। यह कानून उन सभी प्रोजेक्ट्स पर लागू होता है जो 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल में फैले हुए हैं या जिनमें 8 या उससे अधिक अपार्टमेंट्स शामिल हैं। साथ ही, नए प्रोजेक्ट्स के अलावा, ओngoing प्रोजेक्ट्स जिन्हें कम्प्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला है, वे भी इस एक्ट के तहत आते हैं।

श्रेणी RERA के अंतर्गत
डेवलपर्स/बिल्डर्स हां
रियल एस्टेट एजेंट्स हां
होम बायर्स हां (अधिकार संरक्षण हेतु)
रेडी-टू-मूव इन प्रॉपर्टी (CC प्राप्त) नहीं

रजिस्ट्रेशन के लिए किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है?

अगर आप एक बिल्डर या एजेंट हैं और अपने प्रोजेक्ट या सर्विस को RERA के तहत रजिस्टर करना चाहते हैं, तो आपको कुछ जरूरी दस्तावेज़ जमा करने होंगे। नीचे एक टेबल में आमतौर पर मांगे जाने वाले दस्तावेज़ दिए गए हैं:

दस्तावेज़ का नाम महत्व
ID प्रूफ (आधार कार्ड/पैन कार्ड) पहचान सत्यापन के लिए
प्रॉजेक्ट लेआउट प्लान/साइट प्लान प्रोजेक्ट डिटेल्स दिखाने हेतु
भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र (Land Ownership Proof) भूमि वैधता के लिए
डिवेलपर/बिल्डर की प्रोफ़ाइल कंपनी जानकारी हेतु
No Objection Certificate (NOC) स्थानीय अथॉरिटी से अनुमति हेतु
अन्य कानूनी दस्तावेज़ (जैसे कि अनुबंध पत्र) कानूनी वैधता हेतु

आवेदन प्रक्रिया कैसी है?

  1. ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं: प्रत्येक राज्य का अलग RERA पोर्टल है जहां आवेदन किया जाता है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र के लिए maharera.mahaonline.gov.in, उत्तर प्रदेश के लिए up-rera.in
  2. रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें: पोर्टल पर उपलब्ध रजिस्ट्रेशन फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें। इसमें प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां भरना जरूरी है।
  3. दस्तावेज़ अपलोड करें: ऊपर बताए गए आवश्यक दस्तावेज़ स्कैन कर ऑनलाइन अपलोड करें। दस्तावेज़ साफ और स्पष्ट होने चाहिए।
  4. फीस जमा करें: आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करना होगा। फीस राशि प्रोजेक्ट के साइज और स्थान पर निर्भर करती है।
  5. आवेदन सबमिट करें: सारी जानकारी सही भरने और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद आवेदन सबमिट करें। इसके बाद आपको एक acknowledgment नंबर मिलेगा जिससे आप अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
  6. वेरिफिकेशन और अप्रूवल: संबंधित RERA अथॉरिटी आपके आवेदन और दस्तावेज़ों की जांच करेगी। अगर सब कुछ सही पाया गया तो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा। किसी कमी या गलती की स्थिति में अथॉरिटी आपसे सुधार या अतिरिक्त जानकारी मांग सकती है।

महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखें:

  • SRA (Slum Rehabilitation Authority), CIDCO जैसे विशेष प्राधिकरणों द्वारा चलाए जा रहे प्रोजेक्ट्स को भी कई बार RERA अधिनियम में छूट मिलती है, लेकिन सामान्य प्राइवेट डेवेलपर्स को रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
  • BHK, फ्लोर एरिया, फंडिंग डिटेल आदि जैसी सभी सूचनाएं सही-सही भरें क्योंकि गलत जानकारी देने पर जुर्माना लग सकता है या रजिस्ट्रेशन निरस्त हो सकता है।
  • हर राज्य की RERA वेबसाइट पर आवेदन प्रक्रिया थोड़ी अलग हो सकती है, इसलिए संबंधित राज्य की वेबसाइट देखकर निर्देश जरूर पढ़ें।
  • प्रत्येक डेवलपर व एजेंट को अपनी लॉगिन आईडी बनानी होती है जिससे वे आगे भी अपडेट दे सकें।

4. बायर्स और प्रमोटर्स के अधिकार

RERA के तहत खरीदार (बायर्स) और प्रमोटर्स (डेवलपर्स) के अधिकार क्या हैं?

RERA एक्ट ने रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ाने के लिए कई नियम बनाए हैं। इससे न सिर्फ खरीददारों को सुरक्षा मिली है, बल्कि प्रमोटर्स की जिम्मेदारियाँ भी स्पष्ट हुई हैं। नीचे दिए गए टेबल में खरीदार और प्रमोटर दोनों के प्रमुख अधिकार और कर्तव्य सरल भाषा में समझाए गए हैं:

खरीदार (बायर्स) के अधिकार

अधिकार विवरण
जानकारी का अधिकार खरीदार प्रोजेक्ट से जुड़ी सारी जानकारी जैसे लेआउट, मंजूरी, निर्माण की स्थिति आदि मांग सकते हैं।
समय पर पजेशन निर्धारित समय सीमा में घर का कब्जा पाने का अधिकार है। देरी होने पर मुआवजा मिल सकता है।
गुणवत्ता की गारंटी अगर घर में डिलीवरी के 5 साल तक कोई डिफेक्ट निकलता है तो डेवलपर को सुधारना होगा।
रजिस्ट्रेशन का अधिकार केवल RERA में रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स ही बेचे जा सकते हैं, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होती है।
शिकायत करने का अधिकार अगर कोई नियमों का उल्लंघन होता है तो RERA अथॉरिटी में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

प्रमोटर्स (डेवलपर्स) के अधिकार और कर्तव्य

अधिकार/कर्तव्य विवरण
प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन अनिवार्यता हर प्रोजेक्ट को RERA में रजिस्टर करना जरूरी है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
सूचना देना जरूरी प्रोजेक्ट से जुड़ी हर अपडेट वेबसाइट पर डालनी होगी, जिससे खरीदार को सही जानकारी मिले।
फंड्स का इस्तेमाल नियम अनुसार 70% राशि अलग अकाउंट में रखना होगा ताकि फंड्स का गलत इस्तेमाल ना हो सके।
समय पर डिलीवरी देना जरूरी निर्धारित समय सीमा में प्रोजेक्ट पूरा करना प्रमोटर की जिम्मेदारी है। देरी होने पर मुआवजा देना होगा।
डिफेक्ट रिपेयरिंग जिम्मेदारी डिलीवरी के 5 साल तक अगर कोई स्ट्रक्चरल डिफेक्ट निकलता है तो उसे ठीक करना प्रमोटर की जिम्मेदारी है।
शिकायत दर्ज करने का अधिकार यदि किसी कारण से खरीदार समझौते का पालन नहीं करता तो प्रमोटर भी RERA अथॉरिटी में शिकायत कर सकता है।
RERA ने क्यों जरूरी बना दिया ये अधिकार?

भारत में पहले रियल एस्टेट सेक्टर में बहुत सी गड़बड़ियां होती थीं — जैसे प्रोजेक्ट्स में देरी, गलत वादे, पैसे की हेराफेरी आदि। RERA एक्ट लाकर सरकार ने खरीदारों और प्रमोटर्स दोनों को सुरक्षा और जवाबदेही दी है, ताकि हर कोई अपने अधिकार जानकर सुरक्षित तरीके से घर खरीद या बेच सके।

5. शिकायत और समाधान प्रक्रिया

अगर कोई विवाद या समस्या उत्पन्न होती है तो क्या करें?

अगर किसी ग्राहक को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट से जुड़ी कोई समस्या या विवाद होता है, जैसे कि प्रोजेक्ट डिले, वादा किए गए फीचर्स न मिलना, पैसे की धोखाधड़ी या गुणवत्ता में कमी, तो RERA एक्ट के तहत वे अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शी और आसान बनाई गई है ताकि आम लोग भी इसका फायदा उठा सकें।

RERA के तहत शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

चरण विवरण
1. दस्तावेज तैयार करना सभी जरूरी कागजात जैसे खरीदी का समझौता, भुगतान की रसीदें, संचार रिकॉर्ड आदि इकट्ठा करें।
2. ऑनलाइन आवेदन राज्य की RERA वेबसाइट पर जाएं और “फाइल अ कंप्लेंट” सेक्शन में जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरें।
3. शुल्क का भुगतान आवश्यक कंप्लेंट फीस (प्रत्येक राज्य में अलग-अलग) ऑनलाइन जमा करें।
4. सबमिट करना फॉर्म भरने के बाद सभी दस्तावेज अपलोड करके आवेदन सबमिट करें।
5. सुनवाई एवं फैसला RERA अथॉरिटी मामले की सुनवाई करेगी और दोनों पक्षों को बुलाकर निष्पक्ष निर्णय देगी।

कहाँ और कैसे शिकायत दर्ज करें?

  • ऑनलाइन: हर राज्य की RERA वेबसाइट पर जाकर घर बैठे शिकायत दर्ज कर सकते हैं। उदाहरण: MahaRERA (महाराष्ट्र), UP RERA (उत्तर प्रदेश)
  • ऑफलाइन: संबंधित राज्य RERA कार्यालय में जाकर भी आवेदन किया जा सकता है। फॉर्म वहां उपलब्ध होते हैं।

समस्या का समाधान कैसे होता है?

  1. शिकायत मिलने के बाद RERA अथॉरिटी अधिकतम 60 दिनों के अंदर मामले का निपटारा करने का प्रयास करती है।
  2. अगर ग्राहक अथॉरिटी के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं।
  3. जरूरत पड़ने पर कोर्ट या उपभोक्ता फोरम का विकल्प भी खुला रहता है।
ग्राहकों के अधिकार:
  • समय पर घर मिलने का अधिकार (डिलिवरी टाइमलाइन)
  • पैसे की सुरक्षा (एडवांस राशि रजिस्टर्ड अकाउंट में रखना)
  • गुणवत्ता से समझौता होने पर मुआवजा पाने का अधिकार
  • अधूरी जानकारी या गलत वादे होने पर कानूनी कार्यवाही का हक़
  • रेगुलर अपडेट्स और प्रोजेक्ट स्टेटस जानने का अधिकार

RERA एक्ट ग्राहकों को सशक्त बनाता है और उनके निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एक मजबूत मंच देता है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में भरोसा बढ़ा है। अगर आपको कोई भी समस्या आती है, तो बिना डर-झिझक अपनी शिकायत RERA प्लेटफॉर्म पर दर्ज करें और अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें।