1. घर की रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज़
घर की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको कुछ जरूरी दस्तावेज़ तैयार रखने चाहिए। सही दस्तावेज़ जमा करने से आपकी रजिस्ट्री प्रक्रिया आसान और बिना किसी परेशानी के पूरी हो जाती है। नीचे दिए गए टेबल में आपको घर की रजिस्ट्री के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ों की जानकारी मिलेगी:
| दस्तावेज़ का नाम | विवरण |
|---|---|
| पहचान प्रमाण | आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी या पासपोर्ट (मालिक और खरीदार दोनों के लिए) |
| पता प्रमाण | बिजली बिल, पानी का बिल, राशन कार्ड या कोई अन्य मान्य पता प्रमाण पत्र |
| बिक्री अनुबंध (Sale Agreement) | बिक्री की शर्तों वाला एग्रीमेंट जिसमें दोनों पक्षों के हस्ताक्षर हों |
| स्टांप पेपर | सरकार द्वारा तय स्टांप शुल्क पर खरीदा गया स्टांप पेपर, जिस पर बिक्री अनुबंध लिखा जाता है |
| पासपोर्ट साइज फोटो | मालिक और खरीदार दोनों के हालिया रंगीन फोटो |
| NOC (No Objection Certificate) | यदि संपत्ति लोन पर है या सोसाइटी/कॉलोनी में है तो संबंधित प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र आवश्यक होता है |
| पुराने मालिकाना हक़ के दस्तावेज़ | अगर संपत्ति रीसेल है तो पिछले मालिकाना हक से जुड़े कागज़ात जैसे कि पिछली रजिस्ट्री, म्युटेशन आदि |
| प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें | ताजा प्रॉपर्टी टैक्स भुगतान की रसीदें जमा करना जरूरी है |
| इन्कम टैक्स रिटर्न (कुछ मामलों में) | अगर खरीदारी बड़ी राशि में हो रही है तो आयकर विभाग द्वारा मांगे जाने पर ITR देना पड़ सकता है |
इन सभी दस्तावेज़ों को मूल रूप में और एक-एक कॉपी साथ रखें। राज्य और शहर के हिसाब से कुछ अतिरिक्त दस्तावेज़ भी मांगें जा सकते हैं, इसलिए स्थानीय सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में एक बार जरूर पूछ लें कि आपके क्षेत्र में कौन-कौन से कागज़ात जरूरी हैं। सभी दस्तावेज़ पूरे होने पर ही आगे की प्रक्रिया आसानी से पूरी होगी।
2. स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की जानकारी
घर की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण फीस का बहुत महत्वपूर्ण रोल होता है। यह दोनों शुल्क राज्य सरकार द्वारा तय किए जाते हैं और हर राज्य में इनकी दरें अलग-अलग होती हैं। आइए जानते हैं कि ये शुल्क कैसे निर्धारित होते हैं और भुगतान कैसे किया जाता है।
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस क्या है?
स्टांप ड्यूटी वह टैक्स है जो प्रॉपर्टी के ट्रांसफर पर सरकार को देना होता है। वहीं, पंजीकरण फीस वह राशि है जो रजिस्ट्रेशन ऑफिस में प्रॉपर्टी का नाम बदलवाने या रजिस्ट्री कराने के लिए ली जाती है।
राज्य के हिसाब से शुल्क निर्धारण
हर राज्य में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस अलग-अलग हो सकती है। यह आमतौर पर प्रॉपर्टी की कीमत, लोकेशन, खरीदार की कैटेगरी (महिला/पुरुष/संयुक्त) आदि पर निर्भर करती है। नीचे टेबल में कुछ प्रमुख राज्यों के अनुमानित चार्जेस दिए गए हैं:
| राज्य | स्टांप ड्यूटी (%) | रजिस्ट्रेशन फीस (%) |
|---|---|---|
| महाराष्ट्र | 5-6% | 1% |
| दिल्ली | 4-6% | 1% |
| उत्तर प्रदेश | 5-7% | 1% |
| कर्नाटक | 5% | 1% |
| तमिलनाडु | 7% | 1% |
(टिप्पणी: ऊपर दी गई दरें बदल सकती हैं, कृपया अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय अथॉरिटी से ताजा जानकारी लें।)
शुल्क का भुगतान कैसे करें?
- ऑनलाइन पेमेंट: अधिकतर राज्यों ने ई-स्टांपिंग सुविधा शुरू कर दी है, जिससे आप ऑनलाइन स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस भर सकते हैं। इसके लिए संबंधित राज्य की ई-गवर्नेंस साइट पर जाना होगा।
- बैंक या पोस्ट ऑफिस: कई जगहों पर चुनिंदा बैंकों या पोस्ट ऑफिस में भी स्टांप पेपर खरीदे जा सकते हैं। वहां जाकर फॉर्म भरकर आवश्यक राशि जमा करनी होती है।
- रजिस्ट्रार ऑफिस: अगर ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो आप अपने नजदीकी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर सीधे भुगतान कर सकते हैं। यहां आपको चालान या रसीद दी जाएगी, जिसे आगे की प्रक्रिया में दिखाना जरूरी होता है।
महत्वपूर्ण बातें:
- सही राशि का भुगतान करना अनिवार्य है, वरना प्रॉपर्टी रजिस्ट्री मान्य नहीं होगी।
- पेमेंट के समय सभी डॉक्युमेंट्स जैसे पहचान पत्र, प्रॉपर्टी दस्तावेज साथ लेकर जाएं।
- ऑनलाइन भुगतान के बाद प्राप्त ई-स्टांप या रसीद को संभालकर रखें, यह आगे काम आएगी।
इस तरह स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की प्रक्रिया को समझना और सही तरीके से भुगतान करना घर की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा है।

3. ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
घर की रजिस्ट्री के लिए दो मुख्य तरीके
भारत में घर की रजिस्ट्री करवाने के लिए आमतौर पर दो तरीके होते हैं – ऑनलाइन और ऑफलाइन। दोनों ही प्रक्रियाओं में कुछ आवश्यक स्टेप्स होते हैं, जिन्हें फॉलो करना जरूरी है। नीचे दी गई तालिका से आप दोनों प्रक्रियाओं को आसानी से समझ सकते हैं:
| प्रक्रिया | ऑनलाइन | ऑफलाइन |
|---|---|---|
| 1. आवेदन का तरीका | राज्य सरकार की अधिकृत वेबसाइट पर जाएं | स्थानीय उप-पंजीयक (Sub-Registrar) कार्यालय जाएं |
| 2. दस्तावेज़ अपलोड/सत्यापन | स्कैन किए हुए दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड करें | मूल दस्तावेज़ और उनकी प्रतियाँ साथ लेकर जाएं |
| 3. शुल्क भुगतान | नेट बैंकिंग या डेबिट/क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन भुगतान करें | बैंक चालान या नकद भुगतान करें |
| 4. अपॉइंटमेंट बुकिंग | ऑनलाइन पोर्टल से स्लॉट बुक करें | ऑफिस में जाकर समय लें या लाइन में खड़े हों |
| 5. दस्तावेजों का सत्यापन और हस्ताक्षर | चयनित तिथि पर ऑफिस जाकर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाएं | रजिस्ट्री ऑफिस में उपस्थित होकर सभी संबंधित व्यक्ति दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करें |
| 6. रजिस्ट्री प्राप्ति | कुछ दिनों बाद ऑनलाइन सर्टिफिकेट डाउनलोड करें या ऑफिस से कलेक्ट करें | रजिस्ट्री ऑफिस से प्रमाण पत्र प्राप्त करें |
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया (Step-by-step)
- राज्य सरकार के भूमि एवं संपत्ति पंजीकरण पोर्टल पर जाएं। उदाहरण: महाराष्ट्र के लिए igrmaharashtra.gov.in
- यूज़र रजिस्ट्रेशन कर लॉगिन करें।
- आवश्यक जानकारी जैसे संपत्ति विवरण, खरीदार-विक्रेता की जानकारी भरें।
- मांगें गए डॉक्यूमेंट्स (Sale Deed, ID Proof, PAN Card आदि) स्कैन करके अपलोड करें।
- स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस ऑनलाइन जमा करें।
- अपॉइंटमेंट बुक कर रजिस्ट्री ऑफिस जाएं और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाएं।
- प्रक्रिया पूरी होने के बाद सर्टिफिकेट डाउनलोड करें या ऑफिस से लें।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया (Step-by-step)
- सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें – Sale Deed, ID Proof, Address Proof, PAN Card आदि।
- अपने क्षेत्र के सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाएं।
- डॉक्यूमेंट्स जमा करें और अधिकारी द्वारा सत्यापन कराएं।
- स्टांप पेपर खरीदें और उस पर बिक्री अनुबंध तैयार करवाएं।
- रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान बैंक चालान या नकद में करें।
- खरीदार, विक्रेता और गवाह सहित सब लोग ऑफिस जाकर दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करें।
- प्रमाण पत्र प्राप्त करें और सुरक्षित रखें।
महत्वपूर्ण सुझाव:
- सभी डॉक्यूमेंट्स अच्छी तरह चेक कर लें, कोई भी जानकारी गलत न हो।
- ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेते वक्त सही तारीख चुनें ताकि बार-बार ऑफिस न जाना पड़े।
- ऑफिस जाते समय सभी मूल दस्तावेज़ साथ रखें।
4. सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में दस्तावेज़ जमा करना
रजिस्ट्री के अंतिम चरण में सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में दस्तावेज़ कैसे जमा करें?
घर की रजिस्ट्री प्रक्रिया का चौथा और सबसे महत्वपूर्ण कदम है – अपने सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों को सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा करना। इस स्टेप पर आपको सही समय, सही जगह और सही कागज़ात के साथ पहुँचना होता है। आइए जानते हैं कि यह प्रक्रिया किस तरह से होती है:
जरूरी दस्तावेज़ों की सूची
| दस्तावेज़ का नाम | विवरण |
|---|---|
| सेल डीड (Sale Deed) | मूल बिक्री अनुबंध, दोनों पक्षों द्वारा साइन किया हुआ |
| पहचान प्रमाण पत्र | आधार कार्ड/पैन कार्ड/वोटर आईडी (बायर और सेलर दोनों का) |
| पते का प्रमाण पत्र | राशन कार्ड/बिजली बिल/पासपोर्ट आदि |
| खसरा खतौनी/भूमि रिकॉर्ड्स | मूल मालिकाना दस्तावेज़, म्युटेशन रिकॉर्ड्स आदि |
| स्टाम्प ड्यूटी रसीद | स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान किया गया रसीद या चालान |
| NOC/अन्य जरूरी परमिशन | अगर किसी सोसायटी या अथॉरिटी की एनओसी चाहिए तो वह भी साथ लाएँ |
ऑफिस में दस्तावेज़ जमा करने की प्रक्रिया
- समय से पहुँचें: सब-रजिस्ट्रार ऑफिस आमतौर पर सुबह 10 बजे से खुलता है। अपने अपॉइंटमेंट टाइम के अनुसार वहाँ पहुँचें।
- टोकन प्राप्त करें: ऑफिस में पहुँचने के बाद टोकन नंबर लें ताकि आपकी बारी सही क्रम में आए।
- दस्तावेज़ दिखाएँ: संबंधित कर्मचारी को सारे डॉक्युमेंट्स दें। वे इनकी जांच करेंगे और मूल कॉपी तथा फोटोकॉपी दोनों देखेंगे।
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: बायर और सेलर दोनों का फिंगरप्रिंट और फोटो लिया जाता है। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।
- साक्षी (गवाह) प्रस्तुत करें: कम-से-कम दो गवाहों का उपस्थित रहना जरूरी है, जिनका पहचान पत्र भी दिखाना होगा।
- ऑफिसियल वेरिफिकेशन: सब-रजिस्ट्रार आपके दस्तावेज़ों को अंतिम रूप से जांचता है और अगर सब कुछ सही पाया गया तो डिजिटल हस्ताक्षर कर रजिस्ट्री को अप्रूव करता है।
- फीस भुगतान: कुछ राज्यों में अंतिम फीस या सर्विस चार्ज भी यहीं चुकाना पड़ सकता है।
- रजिस्टर्ड डॉक्युमेंट प्राप्त करना: वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद आपको एक रसीद मिलती है और कुछ दिनों बाद रजिस्टर्ड सेल डीड भी प्राप्त हो जाती है।
महत्वपूर्ण टिप्स:
- सभी डॉक्युमेंट्स के ओरिजिनल और फोटोकॉपी साथ रखें।
- अपॉइंटमेंट डेट मिस न करें, अन्यथा फिर से समय लेना पड़ सकता है।
इस प्रकार आप आसानी से घर की रजिस्ट्री के अंतिम चरण में सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में सभी जरूरी दस्तावेज़ जमा कर सकते हैं और वैरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
5. रजिस्ट्री के बाद की जरूरी औपचारिकताएं
रजिस्ट्री के बाद नामांतरण (Mutation) कैसे कराएं?
घर की रजिस्ट्री हो जाने के बाद सबसे पहला कदम है नामांतरण या म्यूटेशन कराना। यह प्रक्रिया आपके नाम को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए जरूरी है। इसके लिए आपको स्थानीय नगर निगम या तहसील कार्यालय में आवेदन देना होता है। जरूरी दस्तावेजों में रजिस्ट्री की कॉपी, पहचान पत्र, और संपत्ति कर की पर्ची शामिल होती है।
| आवश्यक दस्तावेज़ | कहाँ जमा करें |
|---|---|
| रजिस्ट्री डीड की कॉपी | नगर निगम/तहसील कार्यालय |
| पहचान पत्र (आधार/पैन) | नगर निगम/तहसील कार्यालय |
| पुरानी प्रॉपर्टी टैक्स रसीद | नगर निगम/तहसील कार्यालय |
प्रॉपर्टी टैक्स अपडेट करना क्यों जरूरी है?
रजिस्ट्री के बाद प्रॉपर्टी टैक्स रिकॉर्ड भी अपडेट करना जरूरी होता है। यह आपके नाम पर प्रॉपर्टी टैक्स भुगतान का अधिकार देता है और भविष्य में किसी भी कानूनी विवाद से बचाता है। इसके लिए आपको नगर पालिका या नगर निगम में आवेदन करना होगा। साथ ही, नई रजिस्ट्री डीड और नामांतरण प्रमाणपत्र भी जमा करना पड़ता है।
प्रॉपर्टी टैक्स अपडेट की प्रक्रिया:
- नगर निगम ऑफिस जाएं या ऑनलाइन पोर्टल पर लॉगिन करें।
- संपत्ति का विवरण भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
- ऑनलाइन या काउंटर पर शुल्क जमा करें।
- अपडेटेड टैक्स रिसीट प्राप्त करें।
अन्य कानूनी पहलुओं का ध्यान रखें
रजिस्ट्री के बाद कुछ अन्य कानूनी बातें भी ध्यान रखने योग्य हैं:
- सोसाइटी में नाम चढ़वाना: यदि आपकी प्रॉपर्टी हाउसिंग सोसाइटी में है तो वहां भी मालिकाना हक के बदलाव की जानकारी दें।
- यूटिलिटी बिल्स ट्रांसफर: बिजली, पानी, गैस आदि के बिल अपने नाम पर ट्रांसफर करवाएं। इसके लिए संबंधित विभागों में आवेदन करें और नई रजिस्ट्री की कॉपी दिखाएं।
- ऋण (Loan) से जुड़े कागजात अपडेट: अगर घर खरीदने के लिए बैंक लोन लिया गया था, तो बैंक को नयी रजिस्ट्री और अन्य दस्तावेज़ समय पर दें।
महत्वपूर्ण टिप्स:
- हर प्रक्रिया के बाद उसकी रिसीट और प्रमाणपत्र संभालकर रखें।
- अगर कोई दुविधा हो तो स्थानीय वकील या प्रॉपर्टी कंसल्टेंट से सलाह लें।
- सभी अपडेट्स एक माह के अंदर करा लें ताकि आगे किसी तरह की समस्या न हो।

